1680 राजस्व ग्रामों में विशेष भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू, अगले वर्ष होगा खतियान का प्रकाशन
मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ने कहा कि सर्वेक्षण का कार्य दो चरणों में होना निर्धारित है। प्रथम चरण में एरियल सर्वे का कार्य पूरा किया जा चुका है। इसके तहत हवाई एजेंसी आइआइसी टेक्नालोजी हैदराबाद के द्वारा आधुनिक तकनीक से मानचित्रों का डिजिटल प्रारूप तैयार किया गया है। अब दूसरे चरण में शिविर लगाकर रैयतों के सहयोग से सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाना है।
नीतीश सरकार के आदेशानुसार मुजफ्फरपुर में भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो चुका है।
G20 INDIA NEWS संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले के 16 अंचलों के 1680 राजस्व ग्रामों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो चुका है। प्रत्येक अंचलों में स्थित आधुनिक अभिलेखागार में शिविर लगाकर सर्वेक्षण का कार्य किया जाएगा। जिन अंचल में आधुनिक अभिलेखागार नहीं है वहां पर पंचायत सरकार भवन को इसके लिए चिह्नित किया गया है। इसे लेकर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर विस्तृत जानकारी दी और सर्वेक्षण से संबंधित कार्यों की तिथि जारी की।
इसके अनुसार, 16 यानी शुक्रवार से निर्धारित जगहों पर वंशावली प्राप्त करने का कार्य शुरू हो जाएगा। यह 15 सितंबर तक चलेगा। फिर 16 सितंबर से इसका सत्यापन शुरू होगा। जिलाधिकारी ने सभी रैयतों से अपील करते हुए कहा कि शिविर में अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर सर्वेक्षण के कार्य में सहयोग करें। ग्रामसभा का आयोजन शुरू हो चुका है, क्योंकि अगले वर्ष 25 जुलाई से 24 अगस्त के बीच अंतिम रूप से खतियान का प्रकाश कर दिया जाएगा।
इसके बाद अगर किसी रैयत को आपत्ति होगी तो फिर कोर्ट में जाना पड़ेगा। इससे बेहतर होगा कि शिविर में उपस्थित होकर सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण करा लें। उन्होंने कहा कि रैयतों से तीन बार दावा आपत्ति ली जाएगी। ताकि किसी को भी शिकायत नहीं रहे। इसके लिए अगले सप्ताह एक नंबर भी जारी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले जिलाधिकारी ही बंदोबस्त पदाधिकारी के रूप में काम करते रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब बिहार प्रशासनिक सेवा के वरीय पदाधिकारी की तैनाती बंदोबस्त पदाधिकारी के रूप में कर दी गई है। जिले में इसकी जिम्मेदारी फिरोज अख्तर को दी गई है, ताकि वे पूरी दृढ़ता के साथ सर्वेक्षण का कार्य पूरा करा सकें।
इनके स्तर से ही मोबाइल नंबर जारी कर सभी को अवगत कराया जाएगा। इसके लिए एक कर्मी की तैनाती करने को कहा है। साथ ही प्राप्त शिकायतों को रजिस्टर में दर्ज करेंगे और सप्ताह में बंदोबस्त पदाधिकारी इसका अवलोकन कर निराकरण करेंगे।
एरियल सर्वे कर डिजिटल मानचित्र का प्रारूप तैयार
जिलाधिकारी ने कहा कि सर्वेक्षण का कार्य दो चरणों में होना निर्धारित है। प्रथम चरण में एरियल सर्वे का कार्य पूरा किया जा चुका है। इसके तहत हवाई एजेंसी आइआइसी टेक्नालोजी हैदराबाद के द्वारा आधुनिक तकनीक से मानचित्रों का डिजिटल प्रारूप तैयार किया गया है। अब दूसरे चरण में शिविर लगाकर रैयतों के सहयोग से सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाना है।
इसके लिए विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (14), विशेष सर्वेक्षण कानूनगो (21), विशेष सर्वेक्षण अमीन (332) और विशेष सर्वेक्षण लिपिक (25) की तैनाती की गई है। इसके अनुसार प्रत्येक शिविर में एक विशेष सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, दो विशेष सर्वेक्षण कानूनगो और कानूनगो के साथ प्रत्येक चार राजस्व ग्रामों पर एक विशेष सर्वेक्षण अमीन को तैनात किया गया है।
नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्र में अभी नहीं होगा सर्वेक्षण
विदित हो कि नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्र में अभी सर्वेक्षण का कार्य नहीं किया जाना है। इस कारण शहरी क्षेत्र के अलावा कांटी, मुशहरी, कुढ़नी, मोतीपुर, मड़वन, मुरौल, सकरा, सरैया और साहेबगंज के कुछ मौजा में सर्वेक्षण का कार्य नहीं होगा।
विशेष सर्वेक्षण के विभिन्न चरण और महत्वपूर्ण तिथि
16 अगस्त से 15 सितंबर तक खतियानी विवरणी का संधारण एवं रैयतों से स्वघोषणा और वंशावली की प्राप्ति। 16-30 सितंबर तक ग्राम सभा में वंशावली का सत्यापन। एक अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक त्रिसीमाना एवं ग्राम सीमा का निर्धारण और खेसरावार सत्यापन। एक नवंबर से 15 जनवरी 2025 तक रैयतों से स्वामित्व संबंधित साक्ष्यों का संकलन एवं याद्दाश्त पंजी का संधारण। 16 जनवरी से 15 फरवरी तक खेसरा पंजी का संधारण एवं भू-सर्वेक्षण सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि, रैयत के मध्य खानापुरी पर्चा का वितरण और दावा आपत्ति की प्राप्ति। 16 फरवरी से 15 मार्च तक दावा आपत्ति का निराकरण किया जाएगा। 22 मार्च से 23 अप्रैल तक प्रारूप अधिकार अभिलेख का प्रकाशन। 24 अप्रैल से 22 जून तक प्रारूप अधिकार अभिलेख के विरूद्ध दावा आपत्ति का निपटारा। नौ जुलाई से 24 जुलाई तक रैयत के किस्म भूमि के अनुरूप बंदोबस्ती लगान का निर्धारण और दावा आपत्ति का निपटारा। 25 जुलाई से 24 अगस्त तक अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन यानि फाइनल खतियान का प्रकाशन।