जमीन के स्पेशल सर्वे को रहें तैयार, 16 सितंबर से वंशावली का होगा सत्यापन
रिविजनल सर्वे के लंबे समय बाद अब आपकी जमीन का स्पेशल सर्वे होने जा रहा है। इसके तहत जिले के सभी 16 अंचलों के 1680 राजस्व गांवों (मौजा) में भूमि सर्वेक्षण शुरू हो गया है। इसके लिए आपको भी तैयार रहना होगा। अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन होने तक का कार्यक्रम विभाग ने जारी कर दिया है। इसको लेकर सभी अंचलों में विशेष सर्वेक्षण बंदोबस्त अधिकारी, दो विशेष सर्वेक्षण कानूनगो एवं लिपिक, चार राजस्व गांवों पर एक विशेष सर्वेक्षण अमीन की तैनाती की गई है। साथ ही गांवों में सभा कर लोगों को इसके संबंध में बताया जा रहा है। ये बातें बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम सुन्नत सेन ने कही। बताया कि इसके लिए सभी अंचलों में शिविर कार्यालय खोले गए हैं। स्पेशल सर्वे के लिए कैंप में जाकर अपनी जमीन से संबंधित सभी कागजात फॉर्म-2 में भर कर जमा कराएं। उन्होंने बंदोबस्त अधिकारी फिरोज अख्तर को एक सप्ताह में एक मोबाइल नंबर जारी करने का निर्देश दिया है ताकि इस पर लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। साथ ही उसका तत्काल समाधान भी किया जा सके। उन्होंने रैयतों को अपनी जमीन के कागजात व वंशावली बनवा लेने, जमीन की चौहद्दी की जानकारी लेने, खेत की मेढ़ ऊंची करा देने, आमसभा में उपस्थित रहकर वंशावली का सत्यापन करा लेने का अनुरोध किया। इसके साथ ही अधिकार अभिलेख की एक प्रति शिविर/बंदोबस्त कार्यालय से निश्चित रूप से लेने के लिए कहा है, ताकि इसके संबंध में पूरी जानकरी हो सके
तैयारी: मुजफ्फरपुर समेत राज्य के 18 जिलों में हो रहा स्पेशल सर्वे, जमीन की होगी मापी
यह स्पेशल सर्वे अगस्त 2024 से मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, गोपालगंज, सीवान, सारण समेत 18 जिले में शुरू किया गया है। इस प्री सर्वे एक्टिविटीज में 3,4 व 5 प्रपत्र का सेक्शन है। सेक्शन 3 में अधिसूचना व उद्घोषणा की गई है। इसमें रैयती जमीन की मापी होगी।
सेक्शन 4 में जहां पहले से स्पेशल
सर्वे हो रहा था, जरूरत होने पर इस नए स्पेशल सर्वे में समाहित कर लिया जाएगा। वहीं सेक्शन 5 के तहत एरियर फोटोग्राफी कराई गई है। सेटलमेंट ऑफिसर को यह सौंपा गया है। एरियर सर्वे से जो नक्शा आया है, वह बंदोबस्त पदाधिकारी को दिया गया है। इसी के तहत मापी कराई जाएगी।
मुश्तकिल –जमीन की मापी के लिए जिले के हर अंचल, पंचायत व मौजा में लगेगा पिलर
जमीन मापी के लिए तीन स्तरों पर मुश्तकिल बनाया जाएगा। इसमें ब्लॉक स्तर पर प्राइमरी पिलर बनेगा। पंचायत में सेकेंडरी पिलर बनाया जाएगा। वहीं मौजा में क्रसियरी पिलर होगा। यह काम एजेंसी को सौंपा गया है। इसके अला तीन मौजा जहां एक साथ मिलता है, वह ट्राई जंक्शन होगा। इसके लिए एक अलग से पिलर
विभिन्न चरणों में इस प्रका होंगे भूमि सर्वेक्षण कार्य
प्रशिक्षण – नियोजित कर्मियों का 15 जुलाई से 31
अगस्त तक खतियान विवरणी 16 अगस्त से लेकर15 सितंबर तक
वंशावली सत्यापन – 16 सितंबर से 30 सितंबर तक
ग्राम सीमा निर्धारण-01 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक
खेसरा व स्वामित्व सत्यापन 01 नवंबर 15 जनवरी तक से
क्षेसरा पंजी संधारण 16 जनवरी 2025 से 15 फरवरी तक
प्रथम सुनवाई– 16 फरवरी से 15 मार्च 2025 तक
अभिलेख प्रकाशन-22 मार्च से 23 अप्रैल 2025 तक
द्वितीय सुनवाई-24 अप्रैल से 22 जून 2025 तक
लगान निर्धारण-09 जुलाई से 24 जुला 2025 तक
अंतिम अधिकार प्रकाशन- 25 जुलाई से 24 अगस्त 25 तक।
ये फायदे होंगे भूमि सर्वेक्षणा
1. जमीन से जुड़े विवादों में कमी: जमीन की साही पैमाइश और मालिकों के रिकॉर्ड्स के सत्यापन से भूमि विवादों में काफी कमी आएगी।
2. रिकॉर्डका डिजिटलीकरणः सर्वे के बाद भूमि के रिकॉर्ड्स ऑनलाइन हो जाएंगे, जिससे उन्हें यानी मुश्तकिल बनेगा। मापी से पहले एरिवर सर्वे के नक्शे से ऑथों फोटोग्राफी से जमीन का मिलान कराया जाएगा। इसमें आबादी वाले क्षेत्र में 10 सेंटीमीटर और गैर आबादी वाले क्षेत्र में 20 सेंटीमीटर का ही डिफरेंट मान्य होगा। यदि इससे अधिक डिफरेंट होगा तो फिर से नक्शे का मिलान कराया जाएगा।
मुजफ्फरपुर से इंद्रजीत सक्सेना की रिपोर्ट