चुनाव से पहले नेता लोग गरीबों का मसीहा यानी रक्षक। जितने के बाद वक्षक।
आखिर क्यों? किए गए वादे, दिए गए, नारे चुनाव प्रचार तक ही सीमित कर जाता है। इसके जिम्मेदार कौन जनता/ नेता ऐसे ही कई तरह के सवाल है जिस पर हम बात करने जा रहे हैं
पूर्व विधायक काटी को भ्रष्ट मुक्त /शोषण मुक्त तथा गरीबी मुक्त बनाने के बाद 2020 में काटी से टिकट नहीं मिलने के बाद वे सकरा विधानसभा को बदलने भय मुक्त/ भ्रष्ट मुक्त/ नया सकरा बनाने के लिए एंट्री लेते हैं और 2020 में काटी के लाल चुनाव तो जीत जाते हैं लेकिन इस का परिणाम सकरा के जनता को बहुत बुरा भुगतना पड़ता है
दअरसल सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें सकरा की जनता ने जन समस्या सुनने के लिए नेता जी को फोन कर बुलाते तो है मगर नेताजी बातों ही बातों पर आग बबूला होकर क्या कुछ कह दिया सुनिए। ………
आखिर अब 2025 में सकरा की जनता किसको वोट देगी बीजेपी /कांग्रेस के नाम पर या समाजसेवी के नाम पर अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता आदर सम्मान विकास चाहती है या तिरस्कार, वही बदहाली।