Bihar Land News: बिहार में है 3 पाकिस्तानी नागरिकों की जमीन, नीतीश सरकार ने उठाया बड़ा कदम; नोटिस जारी
सदर अंचलाधिकारी ने सरकार के नाम उक्त जमीन की जमाबंदी कायम करने को लेकर 18-6-24 को आम और खास नोटिस जारी किया गया है। कहा गया है कि संयुक्त सचिव भारत सरकार के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक का कार्यालय शाखा कोलकाता के पत्रांक 955 दिनांक 9-2-24 और अपर समाहर्ता के पत्रांक 1014 दिनांक 30 अप्रैल 24 के आलोक में सरकार के नाम से जमाबंदी सृजन करना है।
मुकेश, खगड़िया। पाकिस्तानी नागरिक जमीला खातून, रजिया खातून और नूरजहां खातून की खगड़िया में करोड़ों रुपये की जमीन की अब सरकार की नाम से जमाबंदी कायम होगी। मालूम हो कि ये सभी 1947 में देश विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गईं थी।
भारत सरकार की गृह मंत्रालय के द्वारा पत्रांक 38-7-20202 ईपी दिनांक 25-9-2020 के आलोक में एडीएम खगड़िया के द्वारा मौजा हाजीपुर खाता 96 खेसरा 74, रकबा एक बीघा 13 कट्ठा 10 धूर, खाता 135 खेसरा 83 की रकबा एक बीघा 10 धूर, खाता 125 खेसरा 84 की 14 कट्ठा एक धूर और खाता 144 खेसरा 232 की चार बीघा पांच कट्ठा 10 धूर जमीन की खरीद-बिक्री पर रजिस्ट्री कार्यालय ने पहले ही रोक लगा दी थी।
उक्त जमीन शहर में है और करोड़ों रुपये की बताई जा रही है। उक्त जमीन को लेकर दो साल पहले दैनिक जागरण ने खबर प्रकाशित कर सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। जमीन पर भू-माफिया की गिद्ध दृष्टि रही।
इसको लेकर कई लोग उक्त पाकिस्तानी नागरिकों का वंशज (खगड़िया में रहने वाले) बताकर थाना को आवेदन दिया। खगड़िया थाना की पुलिस 144 की अनुशंसा एसडीएम कोर्ट से करती रही और एसडीएम कोर्ट शत्रु संपदा की जमीन बताकर 144 वाद को खारिज करती गई। अभी भी ऐसी जमीन पर कई भू-माफिया का कब्जा है और फाइलों में ही प्रक्रिया चल रही है।
एडीएम ने रजिस्ट्रार को प्रतिवेदित किया कि गृह मंत्रालय के आदेश के आलोक में पाकिस्तानी नागरिक जमीला खातून, रजिया खातून और नूरजहां खातून की जमीन की खरीद बिक्री पर रोक लगाई जाए। इसके बाद भी बताया जा रहा है कि भू-माफिया ने एक हजार के स्टांप पर उक्त जमीन की खरीद बिक्री को लेकर एग्रीमेंट करा लिया।
दो साल पहले DM ने सरकार को भेजी थी रिपोर्ट
खगड़िया के तत्कालीन डीएम आलोक रंजन घोष ने ‘जागरण’ में खबर प्रकाशित होने पर ज्ञापांक 775 राजस्व दिनांक 28-3-2022 को ही निदेशक सह अपर सचिव राजस्व भूमि सुधार विभाग और आयुक्त मुंगेर को पत्र भेजकर कहा कि खाता 144 खेसरा 232 की संपूर्ण जमीन एनएच 31 में समाहित है। खाता 96 खेसरा 74 में लालबाबू बालिका उच्च विद्यालय बना है। शेष जमीन 27 लोगों के द्वारा अतिक्रमित किया गया है।
खाता 125 खेसरा 84 की जमीन पर 12 व्यक्तियों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है। जबकि खाता 135 खेसरा 83 की जमीन पर 13 व्यक्तियों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है। संपूर्ण खाता खेसरा की जमीन शत्रु संपदा के रूप में चिह्नित किया गया है
अंचलाधिकारी ने जारी किया नोटिस
इधर, सदर अंचलाधिकारी ब्रजेश पाटिल के द्वारा सरकार के नाम उक्त जमीन की जमाबंदी कायम करने को लेकर 18-6-24 को आम और खास नोटिस जारी किया गया है। कहा गया है कि संयुक्त सचिव भारत सरकार के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक का कार्यालय शाखा कोलकाता के पत्रांक 955 दिनांक 9-2-24 और अपर समाहर्ता के पत्रांक 1014 दिनांक 30 अप्रैल 24 के आलोक में सरकार के नाम से जमाबंदी सृजन करना है।
जमाबंदी सृजन पर किसी को भी कोई आपत्ति हो तो 25 जून को उनके कार्यालय में उपस्थित होकर आपत्ति दायर करें। देर से ही सही भारत सरकार के आदेश पर सक्रिय जिला प्रशासन की तेज की गई प्रक्रिया से भू-माफिया के बीच खलबली मची हुई है।